CLC में ऐतिहासिक क्षण: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की गुरुदेव और संत शिरोमणि की प्रतिमाओं का अनावरण
सीएलसी में आज एक ऐतिहासिक दिन जुड़ गया, जब राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल जी शर्मा ने अपने कर-कमलों से पूज्य गुरुदेव पंडित हरिनाथ चतुर्वेदी जी और संत शिरोमणि श्री मकड़ीनाथ जी महाराज की प्रतिमाओं का भव्य अनावरण किया।

सीएलसी में मुख्यमंत्री ने किया दिव्य पुरुषों की प्रतिमाओं का अनावरण:
सीकर शिक्षा नगरी की ऐतिहासिक यात्रा में नया अध्याय...
सीकर : सीकर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान सीएलसी में आज एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने पूज्य गुरुदेव पंडित हरिनाथ चतुर्वेदी और संत शिरोमणि श्री मकड़ीनाथ जी महाराज की प्रतिमाओं का अनावरण किया। यह कार्यक्रम सीकर की शिक्षा नगरी के रूप में ख्याति प्राप्त करने की ऐतिहासिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का सीएलसी निदेशक इंजीनियर श्रवण चौधरी के घर तिलकर्चन से भव्य स्वागत किया गया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री का काफिला एक शानदार रोड शो के रूप में सीएलसी पहुंचा, जिसने सीकर शहर को जश्न के माहौल में डुबो दिया। सीएलसी परिसर में मुख्यमंत्री ने दोनों दिव्य पुरुषों की प्रतिमाओं का अनावरण किया, जिससे परिसर में उपस्थित सभी जनों में विशेष उत्साह देखा गया। इस मौके पर सीएलसी संरक्षक श्री प्रेम सिंह चौधरी और पूरा परिवार उपस्थित था, जो इस ऐतिहासिक अवसर के गवाह बने।
सीएलसी विजय ग्राउंड के मंच पर राजस्थान और सीकर भाजपा पदाधिकारियों एवं फतेहपुर भाजपा मंडल अध्यक्षों द्वारा मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को 51 किलो की फूलों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर सीएलसी निदेशक इंजीनियर श्रवण चौधरी ने मुख्यमंत्री को बालाजी की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया। अपने संबोधन में चौधरी ने गुरुदेव के आशीर्वाद और प्रेरणा से सीएलसी की स्थापना और उसकी अद्वितीय सफलता की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि सीकर शिक्षा नगरी बनने का श्रेय गुरुदेव की कृपा और उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को जाता है।
इंजीनियर श्रवण चौधरी का संबोधन:
इंजीनियर श्रवण चौधरी ने अपने संबोधन में यह भी उल्लेख किया कि सीएलसी अब एक वटवृक्ष का रूप ले चुका है, जिसमें 21 राज्यों के छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह संस्थान सीकर की शिक्षा में न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना चुका है। सीकर पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि सीकर के हर गांव और ढाणी में डॉक्टर और इंजीनियर मिलते हैं और इसमें सीएलसी का योगदान अविस्मरणीय है। राज्यसभा सांसद श्री घनश्याम तिवाड़ी ने सीएलसी निदेशक को उनके संकल्प और समर्पण के लिए सराहा, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सीएलसी निदेशक की गुरु भक्ति की परंपरा को बनाए रखने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आज का सीकर, जो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है, उसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गुरुदेव का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री ने सीएलसी निदेशक को उनके नाम के अनुरूप श्रवण बताया, जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा को गौरवान्वित किया है और कहा की गुरुदेव और संत शिरोमणि की प्रतिमाओं का अनावरण एक नई दिशा की ओर संकेत करता है, जहाँ सीएलसी शिक्षा के क्षेत्र में और भी ऊंचाइयों को छूने के लिए संकल्पित है। इस ऐतिहासिक अवसर पर सीएलसी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि गुरु भक्ति और शिक्षा के प्रति समर्पण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
उन्होंने इस शानदार आयोजन के लिए सीएलसी परिवार का आभार व्यक्त किया और राज्य सरकार की आगामी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मुकेश दाधीच, भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रवण सिंह बगड़ी, यूडीएच मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा, सीकर पूर्व सांसद श्री सुमेधानंद सरस्वती, राज्यसभा सांसद श्री घनश्याम तिवाड़ी, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री कमल सिखवाल, धोद विधायक श्री गोरधन वर्मा, खंडेला विधायक श्री सुभाष मील, नवलगढ़ विधायक श्री विक्रम सिंह, उदयपुरवाटी विधायक श्री शुभकरण चौधरी, भाजपा नेता श्री हरिराम रणवा, जाट महासभा के श्री राजाराम मील, सीकर पूर्व विधायक श्री रतन जलधारी, भाजपा नेता श्री गजानंद कुमावत, झुंझुनूं पूर्व सांसद श्री नरेंद्र खीचड़, प्रदेश प्रवक्ता श्री अशोक सैनी, प्रदेश प्रवक्ता श्री लक्ष्मीकांत भारद्वाज, अभिजीत चतुर्वेदी, मांगीलाल पुजारी, ज्ञाननाथ जी महाराज, प्रताप सिंह चौहान, दिनेश धाबाई, श्रीकुमार लखोटिया समेत सीएलसी परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान सीएलसी के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।
यह कार्यक्रम न केवल सीएलसी के लिए, बल्कि पूरे सीकर के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ।

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